तू लाख इफाजत करले
तू लाख करे रखवाली
उड़ जायेगा एक दिन पंछी
रहेगा पिंजरा खाली
ना कोई शौहरत होगी
ना कोई गुमान होगा
जो दौलत आज है तेरी
ओ कल गैरो का धन होगा
तू लाख इफाजत करले
तू लाख करे रखवाली
उड़ जायेगा एक दिन पंछी
रहेगा पिंजरा खाली
जायेगा जब जान तेरी
रूह का बेजान तन होगा
जला देंगे तुझे आग में
बस जला बदन होगा
तू लाख इफाजत करले
तू लाख करे रखवाली
उड़ जायेगा एक दिन पंछी
रहेगा पिंजरा खाली
जिसको देखा मौत ने तो
फिर ओ बचता है कहा
कोई आगे कोई पीछे
सबको जाना है वहा
तू लाख इफाजत करले
तू लाख करे रखवाली
उड़ जायेगा एक दिन पंछी
रहेगा पिंजरा खाली
ना काम आयेंगे तेरे
दुनिया के सब रिश्ते नाते
धरा रह जायेगा सब ठाठ तेरा
तू क्यों इतराए दीवाने
तू लाख इफाजत करले
तू लाख करे रखवाली
उड़ जायेगा एक दिन पंछी
रहेगा पिंजरा खाली
ना कुछ अहसाह है
जस्बा ना कोई करीना है
नहीं जीने का कुछ मकसद
तो फिर बेकार जीना है
जिओ इस तरह के
ये जिंदगी औरो के काम आये
जलाओ ऐसी शम्मा जो
रोशनी औरो के काम आये
यही नेकी भलाई जो कुछ है
तेरे साथ जायेगा
अलावा तू इसके नादान
खाली हाथ जायेगा