तुम आज मेहर बहाओ बाबा
कल शयाद तेरी मेहर न रहे,
मैं जो कुछ हु तेरी रहमत है
कल शयद उसका अशर न रहे,
यह आंख तेरी तरफ फिर जाये,
तू साथ न मेरे नजर आये,
मैं फिर भी तुम को चाहुगा ॥
तुम्हे दिल से मैं न भुलाउ गा,
मेरी सास चले तेरे भजनों से
मरते दम तक गाऊ गा,
मैं फिर भी तुम को चाहुगा ॥
तुम्हे दिल से मैं न भुलाउ गा,
नजरे कर्म तू रखो न रखो,
मेरा नजरिया रहे गा वाही,
तेरे गम से जिया अब तक आगे वि जरिया रहेगा वही,
कैसा पियालम को भला जो मिला क्या वो कम है भला
शयद एक पल का भी सुख न रहे,
शयद हसने का मुझे हक़ न रहे,
पर तेरी कसम मुजको बाबा हर हाल में मैं मुस्कराऊ गा,
मैं फिर भी तुम को चाहुगा,
तुम्हे दिल से मैं न भुलाउ गा,
जब तक रहे जिन्दगा में मेरी,
करता रहू शुकर तेरा,
तेरी ही बाते छल चल्त्री,
करता रहू जीकर तेरा,
भूलू गा न एहसान तेरा वादा है तुमसे है मेरा
चाहे लाख जमाना बह काये,
चाहे कोई भी कितना सम्जाये,
जब तक सोनू की साँस चले,
तब तक मैं खाटू आऊगा,
मैं फिर भी तुम को चाहुगा,
तुम्हे दिल से मैं न भुलाउ गा,