तर्ज: कैया बैठा हो चुपचाप
बाबा आओ जी इक बार
झूले बैठो जी सरकार
म्हारी इतनी सी मनुहार
झूलो झुलावा थाने सांवरा
रुत सावन की देखो अब आई हैं
काली काली घटाएं भी छाई हैं
मत ना कीजो और विचार
बेगा बैठो लखदातार
थासु विनती बारंबार
झूलो झुलावा थाने सांवरा
सब भक्ता मिल झूलो सजायो हैं
प्रेम अशुवन से खूब रंगायो हैं
कस के पकड़ो जी सरकार
झोटा दयान्गा जोरदार
दो चार ना कई हजार
झूलो झुलावा थाने सांवरा
बूंदे बारिश की होले होले आ रही
मीठी मीठी सी तान सुना रही
' पुष्प ' मंगल गान करे
सेवक सेवा खूब करे
' राजभारती ' नमन करे
झूलो झुलावा थाने सांवरा