ज़रा थाम लो
कोई हाथ काँपता मिले अगर
उसे थाम लो उसे थाम लो
ज़रा थाम लो .............
मुस्कुराहटों में छुपा हुआ
कोई ग़म कहीं दबा हुआ
पहचान लो पहचान लो
ज़रा थाम लो .............
कहीं ज़िन्दगी से लड़ा कोई
और बिखरने से डरा कोई
उसे बाँहों में अपनी थाम लो
ज़रा थाम लो .............
गुमनाम हो या खोया कोई
सन्नाटो में रोया कोई
कभी ज़ोर से उसका नाम लो
ज़रा थाम लो .............
इतना दूर कोई ना जा सके
के लौट के फिर ना आ सके
उसे ज़िन्दगी का पैगाम दो
ज़रा थाम लो .............
कोई डूबता अगर दिखे
खुद से रूठता अगर दिखे
तिनका ही बन उसे थाम लो
ज़रा थाम लो .............
ना अँधेरी कोई राह हो
भरता कोई ना आह हो
अब मशाल हाथों में थाम लो
ज़रा थाम लो ..........