मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो
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( ऐसे वर को, क्या वरू,
जो जनमे, और मर जाये l
वरीये, गिरिधर लाल को,
चुड़लो, अमर होई जाये ॥ )
आओ, मेरी सखियो*, मुझे मेहँदी लगा दो l
मेहँदी, लगा दो मुझे*, सुन्दर सजा दो ll
मुझे, श्याम सुन्दर की, दुल्हन बना दो l
मुझे, मेरे मोहन की, दुल्हन बना दो l
सतसंग, मे मेरी, बात चलाई l
सतगुरु, ने मेरी, कीनी सगाई ll
उनको, बुला के*, हथ लेवा तो करा दो ll,
मुझे, श्याम सुन्दर की, दुल्हन बना दो l
मुझे, मेरे मोहन की, दुल्हन बना दो l
ऐसी, पहनूँ चूड़ी जो, कबहूँ ना टूटे l
ऐसा वरु, दूल्हा जो, कबहूँ ना छूटे ll
अचल, सुहाग की*, यह बिंदिया लगा दो ll,
मुझे, श्याम सुन्दर की, दुल्हन बना दो l
मुझे, मेरे मोहन की, दुल्हन बना दो l
ऐसी, ओढ़ूँ चुन्नरी जो, रंग नहीं छूटे l
प्रीत, का धागा, कबहूँ न टूटे ll
आज, मेरी मोतियों से*, मांग भरा दो ll,
मुझे, श्याम सुन्दर की, दुल्हन बना दो l
मुझे, मेरे मोहन की, दुल्हन बना दो l
प्रीत, की पायल पहन, नाच नाच गाऊँगी l
अविनाशी, प्रीतम से, वियाह मैं रचाऊँगी
मुझे, मेरे मोहन से*, कोई तो मिला दो ll,
मुझे, श्याम सुन्दर की, दुल्हन बना दो l
मुझे, मेरे मोहन की, दुल्हन बना दो l
भक्ति, का सुरमा मैं, आँख में लगाऊँगी l
दुनियाँ, से नाता तोड़, उनकी हो जाऊँगी ll
सतगुरु, बुला के मेरे*, फेरे तो डला दो ll,
मुझे, श्याम सुन्दर की, दुल्हन बना दो l
मुझे, मेरे मोहन की, दुल्हन बना दो l
बाँध, के घुंघरू मै, उनको रीझाऊँगी l
ले के, इकतारा मै, श्याम-श्याम गाऊँगी ll
सतगुरु, बुला के मुझे*, बिदा तो करा दो ll,
मुझे, श्याम सुन्दर की, दुल्हन बना दो l
मुझे, मेरे मोहन की, दुल्हन बना दो ll
आओ, मेरी सखियो*,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल