मोहन मुरली वाले,
मैं मुरली बन जाऊँ,
मुझको अधर लगा ले,
मोहन मुरली वाले।।
मेरा जीवन एक विषघट है,
अमृत इसे बना दे,
बिन मतलब के इस जीवन का,
मतलब मुझे बता दे,
सुर की सुधा पिला दे,
प्रीत की रीत सिखा दे,
मैं मुरली बन जाऊँ,
मुझको अधर लगा ले,
मोहन मुरली वाले।
मैं मुरली बन जाऊँगा तो,
होंगे वारे न्यारे,
तुम सा मिले बजाने वाला,
सुर निकलेंगे प्यारे,
संग रहूँगा तेरे,
बृज के ग्वाल निराले,
मैं मुरली बन जाऊँ,
मुझको अधर लगा ले,
मोहन मुरली वाले।
अपनी साँसों से तू मोहन,
मुझमे प्राण भरेगा,
सूरज सा पापी वैतरणी,
पल में पार करेगा,
जन्म जन्म का साथी,
कान्हां मुझे बना ले,
मैं मुरली बन जाऊँ,
मुझको अधर लगा ले,
मोहन मुरली वाले,
मैं मुरली बन जाऊँ,
मुझको अधर लगा ले,
मोहन मुरली वाले........