हे मुरलीधर हे नटनागर,
कृष्ण गोपाल कन्हईया।
तुम ही हो प्रभु पालनहारे,
अब मेरी पार लगा दो नइया।
वृंदावन में रास रचावत,
मुरली मधुर बजइया।
ब्रज गोपिन संग नाचत मोहन,
ठुमक ठुमक ता ता थईया।
कंस बधे शिशुपाल को मारे,
गजराज के प्रान उबारे।
द्रौपदी चीर बढावन हारे,
अर्जुन के रथ हांकनवारे।
बिगरी सबकी बनावन वारे,
माधव कालीय नाग नथईया।
यशोदा के अंखियन के तारे,
माखन चोर कन्हईया।