अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये,
मैंने सोने का टीका बनवाया,
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आया,
उसको तो फूलों का टीका पसन्द आया,
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये,
मैंने सोने के कंगन बनवाये
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आये
उनको तो फूलों के कंगन पसन्द आये
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये ।
मैंने सोने का हार बनवाया
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आया
उसको तो फूलों का हार पसन्द आया
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये ।
मैंने सोने की तगड़ी बनवायी
लेकिन मइया को पसन्द नहीं आयी
उसको तो फूलों की तगड़ी पसन्द आयी
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये ।