अपनी किस्मत को करने बुलंद आ गई,
खाटू श्याम तेरी नगरी पसंद आई गई,
श्याम बाबा में ये इक बात नई देखि है,
जब भी देखि है तो हर इक बात नई देखि है,
खाटू श्याम तेरी नगरी पसंद आई गई,
दर पे अनजाना जो मेहमान मिला करता है,
दर पे अनजाने वो ही प्यार मिला करता है,
खाटू श्याम तेरी नगरी पसंद आई गई,
न दो बारिश में न सावन में रहा करता है,
अपने दीवानो के मन में तू रहा करता है,
खाटू श्याम तेरी नगरी पसंद आई गई,