दुनिया से सहारा क्या लेना बस तेरा सहारा काफी है
कुछ करने की क्या ज़रूरत है तेरा एक इशारा काफी है
दुनिया से सहारा क्या लेना..............
धन दौलत क्या करना है इन महलो का क्या करना है
ज़िंदगानी चार दिनों की है चरणों में गुज़ारा काफी है
दुनिया से सहारा क्या लेना..............
मन दुनिया रंगीन तेरी हर चीज़ बनाई है तुमने
देखूं तो क्या क्या देखु जप्रभु बस तेरा नज़ारा काफी है
दुनिया से सहारा क्या लेना..............
बैकुंठ नहीं और स्वर्ग नहीं मुझे मुक्ति का क्या करना है
बनवारी भजन करूँ जीवन मिल जाए दोबारा काफी है
दुनिया से सहारा क्या लेना..............