तर्ज : साईं तेरे नाम की महिमा
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बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए
तोड़ के उस भगवान से नाता जग से प्रीत निभाए
( 1 )
गर्भ में रहकर के माता के किया प्रभु से वादा
बाहर आकर भूल गया क्यू बदला तेरा इरादा
छोड़ झमेले इस दुनिया के क्यू तू जान फसाए
बंदे तज दे नादानी अब क्यू तू पाप कमाए
( 2 )
लख 84 मंजिल तयकर के तू जहां में आया
काम,क्रोध और मोह,माया में क्यों तू है भरमाया
अहंकार को छोड़ दे प्यारे तुझको यह भटकाए
बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए
( 3 )
भक्ति से मुक्ति मिलती है ज्ञान गुरु से आता
नेकी और बुराई के बदले सगं कुछ भी ना जाता
अंत समय यह काया माटी माटी में मिल जाए
बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए
( 4 )
कर्म करो भाई जग में अच्छे एक दिन सबको जाना
पूछेगा भगवान जो हमसे वहां चले ना बहाना
करले बंदे प्रभु का सुमिरन भारत यह समझाएं
बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए
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लेखक : भारत बृजवासी