अमर बनाया रे आज म्हाने अमर बनाया रे,
म्हारा सतगुरु दीनदयाल,
आज म्हाने अमर बनाया रे,
म्हारा दाता दीनदयाल,
आज म्हाने अमर बनाया रे,
सुता था में भरी नींद मे आये जगाया रे,
सिर पर पंजा रालिया गुरु ग्यान बताया रे,
म्हारा सतगुरु दिनदयाल......
लख चौरासी झुंड मे मैं बहु दुःख पाता रे,
जमडा ले जाता बाँध ने गुरु आये सुडाया रे,
म्हारा सतगुरु दीनदयाल.........
भव तलाव दरियाव मे म्हारी नाव पुराया रे,
सतगुरु बनिया खेवटिया रे म्हाने पार लगाया रे,
म्हारा सतगुरु दीनदयाल......
काशी नाथ गुरु भेटिया म्हारो भर्म मिटाया रे,
जीवनदास री वीनती हरी गुण गाया रे,
म्हारा सतगुरु दीनदयाल,
अमर बनाया रे आज म्हाने अमर बनाया रे....