तर्ज : गली में आज चांद निकला
मैंने देखा है, कितनी ही बार
भवानी मेरे संग चलती.. मैंया जी मेरे
मेरी बिगड़ी बनाई हर बार.. भवानी मेरे
1.. ज्योत में तू त्रिशूल में तू
मेहंदी नथली फुल में तू
ओढ़े चुनड़ी मां सिंह पे सवार.. भवानी
2.. लाख मुसीबत आती है
ज्यों आती है त्यों चली जाती है
चाहे बैरी बना ये संसार.. भवानी
3.. रोज परीक्षायें लेती है
फेल कभी होने नही देती है
मां ने मुझको जिताया कई बार.. भवानी
4.. काळजै लगा कर रखती है
अम्बरीष ये गलतियों को ढकती है
किये भग्तों पे लाखों उपकार..
किये हम सब पे लाखों उपकार.. भवानी
Lyrics : Ambrish Kumar Mumbai