शेरावालिये माँ मेहरा वालीये ज्योति वालीये
आये है तेरे दरबार हे मइयाँ कुछ बोलो न,
तेरा सहारा मैं बेसहारा बोर बई माँ आँख खोलो न,
आये है तेरे दरबार हे मइयाँ कुछ बोलो न,
तू ही दुर्गा काली माँ तू ही शेरोवाली माँ,
पर्वत पे तुम रहती हो तुम ही ज्योति वाली माँ,
प्यार बरसा दे दर्श दिखा दे देर हुई माँ पट खोलो न,
आये है तेरे दरबार हे मइयाँ कुछ बोलो न,
ालहरोदार को तारा तूने महिसासुर को मारा,
तेरी महिमा न्यारी है जाने दुनिया जग सारा,
करू बन्दगी मैं मेरी जिंदगी में अमिरत के सुर अब गोलों न,
आये है तेरे दरबार हे मइयाँ कुछ बोलो न,