तरज़-अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी
हिचक्की आवे रे,संवारां मनैं
याद भगता री,आवे के तनैं
हिचक्की आवे रे....
1.रात ने सोऊं थारी,यादा में खोऊं
मिलने के ताईं तासुं,जुड़ जुड़ मैं रोऊं
केही बता बोलूं,पीड़ मैं किनैं
हिचक्की आवे रे,संवारा मनैंणं
याद भगता री,आवे के तनैं
हिचक्की आवे....
2.बावलो बतावे मनैं,सगलो ज़मानों
चरणां में मानैं देदो,ईब तो ठिकानों
बाबा लगायो जी,चरणां में शरणीं
हिचक्की आवे रे,संवारा मनैं
याद भगता री,आवे के तनैं
हिचक्की आवे रे....
3.माहरी याद थानें भी,आती तो होगी
माहरे जइयां थानें भी,रुलाती तो होगी
हरष बिठा लैयो जी,मानें भी कनैं
हिचक्की आवे रे,संवारा मनैं
याद भगता री,आवे के तनैं
हिचक्की आवे रे....
श्री हरिदास निष्काम संर्कींतन
बाबा धसका पागल पानीपत