मेरी इक तमना एह संवारे बिहारे,
रहना न दूर हमसे लेना खबर हमारी,
मेरी इक तमना एह संवारे बिहारे,
तू पास दिल के रहता होता वहा सवेरा,
तू दूर जिनसे होता होता वहा अँधेरा,
तेरे वगैर मोहन दिन भी है रात काली,
रेहना न दूर हमसे लेना खबर हमारी,
उल्फत का रंग तेरा कुछ एसा मुझपे छाया,
बन कर के तेरा दीवाना तुझको रिजाने आया,
हम आस पास तेरे बीते समय हमारा,
रेहना न दूर हमसे लेना खबर हमारी,
बन कर के श्याम माझी भवपार तो उतारो,
संवारे मैं हु तुम्हारा इक बार तो पुकारो,
समजू न रीत तेरी एसा मैं हु अनाडी,
रेहना न दूर हमसे लेना खबर हमारी,