माई री सहज जोरी प्रगट भई,
माई री सहज जोरी प्रगट भई
1.जु रंग की गौर श्याम
घन दामिनि जैसैं माई री....
2.प्रथमहूं हुती अबहूं आगें हूं
रहिहै न टरिहै तै सैं माई री....
3.अंग अंग की उजराई सुघराई
चतुराई सुंदरता ऐसैं माई री....
4.श्री हरिदास के स्वामी श्यामा
कुंज बिहारी सम बैसे माई री....
माई री सहज जोरी प्रगट भई,
माई री सहज जोरी प्रगट भई
श्री हरिदास निष्काम संर्कींतन