आरती अतिपावन पुराण की,
धर्म भक्ति विज्ञान खान की,
महापुराण भागवत निर्मल,
शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल,
परमानन्द-सुधा रसमय फल,
लीला रति रस-रस निधान की,
आरती...............
कलिमल मथनि त्रिताप निवारिणी,
जन्म मृत्युमय भव भयहारिणी ,
सेवत सतत सकल सुखकारिणी,
सुमहौषधि हरि चरित गान की,
आरती................
विषय विलास विमोह विनाशिनी,
विमल विराग विवेक विकाशिनी,
भागवत तत्व रहस्य प्रकाशिनी,
परम ज्योति परमात्मा ज्ञान को,
आरती....................
परमहंस मुनि मन उल्लासिनी,
रसिक हृदय रस रास विलासिनी,
भुक्ति मुक्ति रति प्रेम सुदासिनी,
कथा अकिंचन प्रिय सुजान की,
आरती..............
पं.shaan dubey
Chand (Chhindwara)
Mo.9753443574/9755305783