बड़ी मन्नतो से था पाया तुझे
रहे भूखे लेकिन खिलाया तुझे
मगर तूने बदले में ये काया किया
तू कितनो का बेटा था माँ बाप था
तूने ये क्या किया,
बड़ी मन्नतो से था पाया तुझे
कभी लड़खड़ाये तेरे पाँव जब
तब ऊँगली पकड़ के चलाया तुझे
तू रातो को उठ उठ के रोता था जब तो बाहों में अपनी लाया तुझे
तू ममता के मारो का दिल तोड़ कर अलग हो रहा है इन्हें छोड़ कर
भुडापे में अब कौन पूछे इन्हें ओह नादान बता प्यार का क्या किया
बड़ी मन्नतो से था पाया तुझे
कई बार गिरवी रखी चुडिया मगर फिर भी ज्यदा पडाया तुझे
फटे कपड़ो सी कर पेहन कर बड़ा आत्मी था बनाया तुझे
मगर भूल कर इन का उपकार ही लगाया गले तूने संसार ही
कहा उसने और तू अलग हो गया
तू इतनो का बेटा था माँ भाप था तूने ये क्या किया
बड़ी मन्नतो से था पाया तुझे.....
बडी बदनसीबी है माँ भाप की जो इकलोता बेटा भी ऐसा मिला
गला घोट दो ऐसी सन्तान का जो सारी उम्र रोना पड़े
जो दुखाते दिल जो भी माँ बाप का उन्हें मिलता रस्ता सदा नरक का
जहान भर में दर दर भटके है वो ममता को जिनको हर दुःख दियां
बड़ी मन्नतो से था पाया तुझे