ये तो प्रेम के आंसू हैं मोहन 
हर जगह पर ये गिरते नहीं है 
देख नज़रों के आगे तुझे ये 
फिर आँखों में रुकते नहीं है 
ये तो प्रेम के आंसू .....
प्रेम होता नहीं हर किसी से 
प्रेम होता है दिल की ख़ुशी से 
प्रेमी मिलते ही दिल मिल जाता 
पता चलता है प्यार इसी से 
हाल ए दिल की कहें क्या कन्हैया 
नैन जल ही बयां करते है 
ये तो प्रेम के आंसू .....
इन अँखियों में कान्हा की मूरत 
नहीं भाती किसी की भी सूरत 
क्यों चेहरे से हो प्यार करते 
श्याम कृपा ये दोनों नैना 
प्यारी नैनो में श्याम रहते हैं 
ये तो प्रेम के आंसू .....
मेरी आँखों ने जब जब निहारा 
पाया जीवन में एक उजियारा 
तेरे नज़रों की जब हो इनायत 
तेरे गौतम का चमका सितारा 
अब गोपाल हमें दो इजाज़त 
बंद आँखों से बात करते हैं 
ये तो प्रेम के आंसू