मोरी चुनरी में लग गयो दाग पिया.....
पाँच तत्त्व की बनी चुनरिया,
सोरह सै बँद लागे जिया,
मोरी चुनरी में लग गयो दाग पिया.....
यह चुनरी मोरे मैके तें आई,
ससुरे में मनुवा खोय दिया,
मोरी चुनरी में लग गयो दाग पिया.....
मलि-मलि धोई दाग न छूटे,
ज्ञान को साबुन लाय पिया,
मोरी चुनरी में लग गयो दाग पिया.....
कहै कबीर दाग तब छुटिहैं,
जब साहेब अपनाय लिया,
मोरी चुनरी में लग गयो दाग पिया.....