तर्ज - कव्वाली....
( जिसने बाबोसा को याद किया, सुनते है उनकी पुकार,
भक्तो के दुख दूर करे, मेरे बाबोसा सरकार । )
करते है कलयुग में श्री बाबोसा चमत्कार,
विश्वास नही तुझको तो चल चुरू के दरबार....
जो भी गया है चुरू उसका काम हो गया,
बाबोसा की कृपा से जग में नाम हो गया,
भक्तो की मेरे बाबा सुनते है हर बार,
विश्वास नही तुझको तो चल चुरू के दरबार.....
पीतल को करदे सोना, पत्थर को करदे मोती,
जगाते है जीवन मे, बाबोसा दिव्य ज्योति,
भक्तो के लिये बैठा है ये खोल के भंडार,
विश्वास नही तुझको तो चल चुरू के दरबार.....
दुख दर्द कोई हो या चाहे हो अला बला,
तांती भभूति जल से हर विघ्न है टला,
भक्तो की रक्षा करने स्वयं बेठे है सरकार,
विश्वास नही तुझको तो चल चुरू के दरबार.....
श्री मंजू बाईसा में इनकी छवि निहारे,
देगे वो आज दर्शन माँ छगनी के दुलारे,
बाईसा में ही बाबोसा का होता है दीदार,
"दिलबर" तभी तो रिया को भी है ये एतबार,
करते है कलयुग में....