उठे सांवरिया रे हुक नैना ज़र ज़र नीर बहाए,
आयो फागन महिना महरो जीव ललचाए,
चालो चालो नी वावर जी महरो संवारियो बुलाये,
आयो फागन रंगीलो माहरो बाबा मारे हिलो,
सगने घर को ने संग ले लियो कोई रह नही जाई,
चालो चालो नी वावर जी......
ढोलक झांज मंजीरा बाजे सेवक झूम झूम कर नाचे,
मुरली संवारिये की बाजे महरो मन हरसावे,
चालो चालो नी वावर जी......
देख सांवरिया को मुखड़ो बुले सारो अपनों दुखडो,
यो है कालजे के टुकड़ो रखो नैना में छुपाये,
चालो चालो नी वावर जी......
कोई रंग गुलाल लगये कोई इतर खूब चडाये,
अनु भजना सु रूजावे बेठो श्याम मुश्कावे,
चालो चालो नी वावर जी......