[ ललित लड़ैती राधिका
में मांगू गोद पसार
दीजिए निज पद चरण रज
और बरसाने को वास ]
ओह लाडो प्यारी मैं सदके तेरे
मैं वस जावां बरसाने तेरे
- मंगल बेला ते जावां अटारी
बैठी सज के वृषभानु दुलारी
बन के घुंघरू नचा तेरे बेड़े
मैं बस जावा बरसाने तेरे ...
- बाह फड़ हरिदासी ने मिलाए बाबा
ना हुन जावा मक्के श्यामा ना हुन जावा काबा
मैं पा लए युगल वर बाबा दे वेहड़े
मैं वस जावा बरसाने तेरे
- अह दुनिया ते गहरा पानी
बिना तेरे ना कोई मेरा सानी
छड़ दुनिया दे झूठे चमेले
मैं वस जावा बरसाने तेरे
- लाडो बचा लो थक सी गई हु
रज में मिला लो मरने लगी हु.
गौरव मोहित वी अपने तेरे...
मैं बस जावा बरसाने तेरे