चलो जी चलो सच्चाई पे चलो

भजन : चलो जी चलो सच्चाई पे चलो ।

चलो जी चलो सच्चाई पे चलो,
नहीं झूठ - पाप सच्चाई पे चलो ।
न धोखा न छलना, न चोरी, न ठगना,
बन राही सत्य राह का ।।
चलो जी चलो....

सदा चलते रहना तू रुकना कभी ना,
है पाया वो मंजिल जो चलता रहा ।
प्रीति प्रभु से करो ना किसी से डरो,
जो किया प्रीति दुःख उसका टलता रहा ।।
चलो जी चलो....

मंजिल मिलेगा तो जग भी झुकेगा,
अगर तेरा पथ हो सच्चाई भरा ।
राह सच्चे चलेगा तो जग ये हँसेगा,
मगर तुम डगर से डिगो ना जरा ।।
चलो जी चलो....

जग भोगों को तजते चलो हरि को भजते,
तभी तो जले दीप बुझता हुआ ।
कष्ट विपदा को सहते चलो हँसते-हँसते,
चला आए प्रभु कान्त चलता हुआ ।।
चलो जी चलो....

रचना : श्री श्रीकान्त दास जी महाराज ।
स्वर : सुभाष सिंह राजपूत जी ।

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