पग पग पे दीं दुखियो के पालक है राम जी
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक है राम जी
पग पग पे दीं दुखियो के पालक है राम जी
हो जाए कोई भूल तो करना हमे शमा
हम सब तुम्हारी गोद के बालक है राम जी
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक है राम जी
जीवन की अपनी नाव भवर में जो आ फसी
फ़ौरन उबार देने के लायक है राम जी
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक है राम जी
उनकी किरपा से काम ही रुकता न एक भी
चिंता में क्यों मरे जो सहायक है राम की
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक है राम जी
केहने को देवताओं की ३५ है कोटियाँ
गजेंदर अनुज एक ही नायक है राम जी
क्या दुख जो अपनी नाव के चालक है राम जी