पाप की गठरी लिए लिए मेरी बीती उम्र तमाम,
एक भरोसा है प्रभु तेरा पतित पावन नाम
सिया राम जय जय राम
तू ही सारे जग का दाता तू ही सब का भाग विधयता,
पाप पूण सुख दुःख धन धरती सब ही तेरे काम,
एक भरोसा है प्रभु तेरा पतित पावन नाम....
मैंने कितने तूने पाप कमाए तेरे बिना अब कौन बचाये,
अब तो लाज तुम्हारे हाथो गोविंदा घनश्याम,
एक भरोसा है प्रभु तेरा पतित पावन नाम
कभी न श्री चरणों से भाग तू ही देदे मैं क्या मांगू,
तेरे ही गुण गाते बीते हर सुबह हर शाम
एक भरोसा है प्रभु तेरा पतित पावन नाम