मईया री मईया एक खिलौना छोटा सा दिलवा दे,
चाभी भर कर जब मैं छोड़ू तो एक ही रटन लगावे,
बोले राम राम राम बोले राम राम राम
सुन मइयां सुन मइयां मुझे एक खिलौना दिलवादे,
बोले राम राम राम
ना मैं चाहू हाथी घोड़ा ना कोई बाजे वाला,.
मुझको तो बस आज दिलादे दादा सोनटे वाला
बटन दबाते ही वो झट से अपनी पूछ घुमावे,
चाभी भर कर जब मैं छोड़ू तो एक ही रटन लगावे,
बोले राम राम राम ... बोले राम राम राम
श्री उत्तरमुखी बालाजी मेरा मेरे मन वस जाए,
संकट पकड़े उन्हें नचावे मस्ती में खो जाए
संकट उनके दर पर झूमे चीखें और चिल्लाए
दादा मेरा सोंटे मारे एक ही रटन लगावे,
बोले राम राम राम।बोले राम रामराम
श्री उत्तरमुखी बालाजी को अपना आज बना लूं
प्रकाश महंत से मिलकर मैया अपना भाग जगा लूं
देर करो मत अब मेरी मइयां जल्दी से मिलवा दे,
चाभी भर कर जब मैं छोड़ू तो एक ही रटन लगावे,
बोले राम राम राम बोले राम राम राम