तर्ज - खाइके पान बनारस वाला
ओ खाटू बुला रहा है बाबा
अब तो फागुन आने वाला
हम लगाएंगे गुलाल
मेरे संग में लखदातार
आई भक्तों की टोली बाबा खेलेगी होली
पिचकारी ये भरली तैयारी पूरी कर ली
अब तो रंग लगेगा मेरे श्याम धणी को
उसे कहते है सब सरकार
ओ खाटू बुला रहा है बाबा ....
केसरिया रंग से तुम्हें रंगेगे बाबा
मीठी कचोरी आज चखेंगे बाबा
अब तो आजा प्यारे मेरे हारे के सहारे
तुझे किसका है इंतजार
ओ खाटू बुला रहा है बाबा ....
मन्नू गुण तेरा गाए तू दर पे बुलाए
अरे झाड़ा लगाकर नैया पार लगाए
अब तो दर्शन दे दो बाबा श्याम हमारे
तेरे लक्की को दे प्यार
ओ खाटू बुला रहा है बाबा ....