बाबा तेरे चरणों की, साईं तेरे चरणों की ।
अगर धुल जो मिल जाए, सच कहता हु बस अपनी तक़दीर बदल जाए ॥
सुनते हैं तेरे रहमत दिन रात बरसती हैं ।
इस दया के सागर से एक बूंद जो मिल जाए ॥
ये मन बड़ा चंचल है इसे कैसे मैं समझाऊं ।
जितना इसे समझाऊं उतना ही मचल जाए ॥
नजरो से गिरना ना, चाहे जो सजा देना ।
नजरो से जो गिर जाए मुश्किल वो संभल पाए ॥
बस एक तमना है तुम सामने हो मेरे ।
तुम सामने हो मेरे, मेरा दम ही निकल जाए ॥