मुझे साई का सहारा मिल गया,
मेरी कश्ती को किनारा मिल गया,
मैं किसी की द्वार जाओ किस लिये,
शिरडी वाले का दुबारा मिल गया,
मुझे साई का सहारा मिल गया,
ढूंढ़ती फिरती नजरे किसी को,
प्यासी नजरो को नजारा मिल गया,
मुझे साई का सहारा मिल गया,
अब रही न परवाह दौलत की,
शिरडी वाले का खजाना मिल गया,
मुझे साई का सहारा मिल गया,