मंदिर में रहते हो भगवन कभी बहार भी आया जाया करो,
मैं रोज तेरे दर आता हु कभी तुम भी मेरे घर आया करो,
मैं दीन हु दीनाथ हो तुम,
दुःख सुख में सबके साथ हो तुम,
फिर क्यों न सुनो मेरे दिल की,
इतना न जुलम गवाया करो
मैं रोज तेरे दर आता हु.........
बेहाल तेरे दर आते है,
तुम को दुःख दर्द सुनते है,
सुनते हो सभी का हाल मगर,
आपना भी हाल सुनाया करो,
मैं रोज तेरे दर आता हु......
जग के दाता कहलाते हो,
ना पीते हो ना खाते हो ,
अब गये परषद तेरा गुण भी कुछ पीया करो कुछ खाया करो,
मैं रोज तेरे दर आता हु