साईं तेरे भरोसे ही परिवार हमारा है,
पतवार तू माझी तू और तू ही किनारा है।
साईं हमें तेरा सहारा है, बस तेरा सहारा है॥
श्रद्धा के सबुरी के तुमने हैं दिए मोती,
मध्यम ना कभी होगी विशवास की यह ज्योति।
संतान हैं हम तेरी, तू पालनहार है,
पतवार तू माझी तू और तू ही किनारा है॥
तेरी दया से इस घर में हर शाम दिवाली है,
हर नयामत दुनिया की तेरे द्वार से पा ली है।
किसी और से क्यूँ मांगे, साईं जगत हमारा है,
पतवार तू माझी तू और तू ही किनारा है॥
साईं दास ‘पवन’ जब से तेरी शरण में आया है,
ना मोह कोई मन में ना ठगती माया है।
साईं नाथ ‘हरीश’ ने भी सदा तुझको धाय है,
नाम तेरे की मस्ती में संसार भुलाया है।
तेरे रंग में रंगा साईं यह जीवन सारा है,
पतवार तू माझी तू और तू ही किनारा है॥