इन्साफ का मन्दिर है यह, भगवान् का घर है |
कहना है जो कह दे, किस बात का डर है ||
है खोट तेरे मन मे, जो भगवान् से है दूर |
है पाँव तेरे फिर भी तू, आने से है मजबूर ||
हिम्मत है तो आजा यह, भलाई की डगर है ||
दुःख दे के जो दुखिया से ना इन्साफ करेगा,
भगवान् भी उसको ना कभी माफ़ करेगा,
यह सोच ले हर बात की, दाता को खबर है,
हिम्मत है तो आजा यह भलाई की डगर है ||
है पास तेरे जिस की अमानत उस को देदे,
निर्धन भी है इंसान, महौब्बत उसे देदे |
जिस दर पे सभी एक है, बन्दे यह वो दर है ||
मायूस ना हो हार के तकदीर की बाज़ी,
प्यारा है वो गम जिस मे हो भगवान् भी राज़ी |
दुःख दरद मिले वोही प्यार अमर है,
यह सोच ले हर बात की दाता को खबर है ||