कान्हा आ रे जिसे मैंने पाला पोसा उसी ने बिपदा में डाला बचा ले आके गोपाला,
दूध छुड़ा कर नित बछड़े का जिनको मैं दूध पिलाऊ,
उनके ही हाथो बुछडखाने आज मैं भेजी जाऊ,
मुझको माता कहते जो मेरा दर्द ना समजे वो,
करदे तू आके कोई यतन,
कान्हा आ रे..........
पाप किया का मैंने बता दे जिसकी सजा मैं पाती,
तड़प तड़प कर तेरी गैया अपने क्यों प्राण गवाती,
ममता वेवस है प्यारे आजा करुना दिख्लादे,
रो रो भीगे है मेरे नैन,
कान्हा आ रे........
मेरे खातिर ग्वाल बने तुम दवापर में ओ कन्हाई,
हर्ष दुबारा आन सम्बलो सुन ले तू मेरी दुहाई,
बन जा गोकुल का ग्वाला बन जा मेरा रखवाला लेले मुझको अपनी तू शरण,
कान्हा आ रे....