इतना ऊँचा न उठाना प्रभु तुम्हे भूल जाऊ,
ना ही इतना गिराना मिटी में ही रूल जाऊ,
जो झेल सकू मैं श्याम वो ही दिखाना,
करता रहु मैं श्याम तेरा शुकराना,
किया जितना है तुमने शुकर उसी में मनाऊ,
भूल से भी न दिल किसी का दुखाऊ,
सेवा करू मैं कोई कर के बहाना,
करता रहु मैं श्याम तेरा शुकराना,
करू सुख में शुकराना और दुःख में अरदास,
करू महसूस तुमको मैं सदा आस पास,
लबो पे रहे मेरे हर दम तेरा तराना,
करता रहु मैं श्याम तेरा शुकराना,
तेरे नाम से शुरू हो मेरे दिल की शुरवात,
तेरे नाम पे ख़त्म हो राधे की हर बात,
अंत समये हो तेरी गोद में ठिकाना,
करता रहु मैं श्याम तेरा शुकराना,