तेरे नाम दी कमली औड साईं रे मैं तो योगन बन गई

तेरे नाम दी कंठी माला, तेरे नाम दा ओड़ दुषाला ।
बन गयी योगन साईं तेरी, तेरे दर पे डेरा डाला ॥

तेरे नाम दी कमली औड, साईं रे मैं तो योगन बन गई ।
सारी दुनिया से नाता तोड़, साईं रे मैं तो योगन बन गई ॥

दुनिया मुझ को ताने दे या अपने गले लगाए ।
करती हूँ स्वीकार मेरे मन साईं सलोने भाए ।
लिया प्रेम दा बंधन जोड़, साईं रे मैं तो योगन बन गई ॥

तेरे सिवा ना कोई दूजा भाता हैं आँखों को ।
तेरे नाम दा सुमिरन करके चैन मिले साँसों को ।
जीने ना पाउंगी तुझको छोड़, साईं रे मैं तो योगन बन गई ॥

कौन है अपना कौन पराया, जान गई हूँ साईं ।
तू है अपना जग है पराया मान गई हूँ साईं ।
यह मोह की मटकी फोड़, साईं रे मैं तो योगन बन गई ॥

हीरे मोती रतन अमोलक कुछ नहीं मुझको लेना ।
रुपया पैसा सोना चांदी इस जग को दे देना ।
मैं मांगू चरण विच ठोर, साईं रे मैं तो योगन बन गई ॥
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