एह साई माफ़ करदे मेरी हर खता,
मैं गुन्हेगार हु तू मेहरबान है तेरी रेहमत का आसरा,
एह साई माफ़ करदे मेरी हर खता
दवारीका नाथ का तू शेहनशाह है,
पापियों का तू ही तो तरणहार है,
अब तुम्हारे अटारेस चाहे जो भी करे,
सिर झुकाये खड़े है बाबा दर पे तेरे,
छीन ले दिल से दर्द मेरा,
एह साई माफ़ करदे मेरी हर खता
बीच मझदार में कसत डूब रही हे करूणा के सागर मुझको उबार ले,
हम जिये जा मरे बाबा बन के तेरे मेरे मन में एक ऐसी अमित चाह दे,
देदे चरणों में थोड़ी जगह,
एह साई माफ़ करदे मेरी हर खता
मेरी हर साँस में तेरा एक नाम हो ऐसी दिल में लग्न मेरे लगदे मेरे,
हर जगह हर कही तू ही तू दिखे ऐसी जीवन में जोति जला दे मेरे,
मेरी इतनी सी सुनले पुकार एह साई माफ़ करदे मेरी हर खता