नवरात्रों में नो चुनिया मैं लाइ मातारानी
नो के नो व्रत रखे तेरी बेटी ने महारानी,
पूरी नो कंजको को जिमाया नोक्राए के संग में बिठाया,
नवरात्रों में नो चुनिया मैं लाइ........
नो रातो से नो दिन पहले करली सब तयारी
घर आँगन गंगा जल से धोये बारी बारी,
जय माता दी बोल बोल के पवन करली वाणी,
रंग ले आये तेरी मेरी प्रीत पुराणी,
तेरा दरबार जब माँ सज्या मैंने नो बार सिर को झुकाया,
नवरात्रों में नो चुनिया मैं लाइ....
सारी सारी रात मैं जागी तेरे जगरातो में,
मेहँदी रोज लगाई मैंने माता तेरे हाथो में,
नो भागो से फूल मंगवा कर माला रोज बनानी,
तेरी खातिर नो मेवों की थाली रोज सजानी,
भोग नो दुर्गा माँ को लगाया,
प्रेम से फिर माँ प्रशाद खाया,
नवरात्रों में नो चुनिया मैं लाइ....