रोज मेरी दीवाली तेरे दर्शन मुझको हो जाते,
तेरी किरपा के चलते ही बाबा मौज उड़ाते,
पूछते है लोक सारे कैसी है दिवाली,
संवारे की लोह मैंने दिल में जगा ली,
धनतेरस की लक्ष्मी बरखा आंबे रोज लुतादे
रोज मेरी दीवाली.........
पाके तुह्ज्को निखर गया हु,
पहले से ज्यदा सवार गया हु,
रूप चोदास की तरह रोज तुम मुझको हो चमकाते,
रोज मेरी दीवाली...........
रोज तेरे नाम के दीप जलाऊ,
श्याम कहे अपनी सबको बातू,
माबस के सारे अन्ध्यारे घर से दूर भगा दे,
रोज मेरी दीवाली..........