गले विच पटके ते मथे उते रोलियां,
हाथ विच बनिया सी माई दिया रोलिया,
साडे घर होया जगराता भंगरे मैं पावा,
गल देके भगता नु फिर लोका नु सदिया है,
तू घर आ माँ भवानी तेतो बस एहे मंगेया है,
पूजा किती नाले तेरी जोत जगाई है,
साडे घर होया जगराता ...
सबतो पहला मन्ता ने तेरा आध गणेश मनाया,
पकिया भेटा नाल आंबे सभना ने खूब रिजाया,
झांकिया वी कड़ियाँ ते वारियां वी लितियाँ,
सबना दी नजर उतारा भंगरे मैं पावा,
साडे घर होया जगराता .......
तेरे भगता दे चेहरे ते आज राज राज लालियाँ छाइया,
लिखी दता ने भेटा संजय ने राज राज गाइया,
कथा वि किती तेरी आरती वी गई है
तेनु मात न कदे भुलावा,
साडे घर होया जगराता