मेरे मन के छोटे मंदिर में मेरा श्याम सलोना रहता है,
कुछ मेरी बाते सुनता है कुछ आओनी बाते सुनता है,
मेरे मन के छोटे मंदिर ........
तुझे खोज लिया सारे जग में पर दिल में नजर तू आया है,
झुक कर देखा अंतर मनन में होले से तू मुश्काया है,
कभी श्याम रूप में आता है कभी बाल रूप दिखलाता है,
मेरे मन के छोटे मंदिर .....
तुझको पा कर के सांवरिया हम सारी दुनिया भूल गए,
छोटी सी अपनी दुनिया में हम तो इतने मशहूर हुए,
अब आठो पैर इन अंखियो में तेरा प्यारा मुखड़ा रहता है,
मेरे मन के छोटे मंदिर .......
जब बंद करू इन नैनो को नैनो में नजर तू आता है,
जब खोलता हु इन पलकों को जाने कहा खो जाता है,
तेरा श्याम तुम्हारी लीला को गा गा कर के हर्सता है,
मेरे मन के छोटे मंदिर .....