हारा हु मैं हारा हु मैं, हारा हु मैं,
देना सहारा हारे के सहारा हो तुम,
जाऊ कहा कोई नही है श्याम मेरा सहारा हो तुम,
हारा हु मैं...................................
दुनिया ने ठुकरा तुम तो अपनाओ,
करुना के सागर हो करुना बरसाओ,
भटका हुआ हु अब तो रास्ता दिखाओ,
पकड़ो मेरा हाथ इतना न तड़पाओ गिर न पडू गिर न पडू,
गिर न पडू मुझ को सम्बलो,
मेरा तो सहारा हो तुम,
हरा हु मैं....
अटकी है मजदार विच में नाव मेरी,
है गंगोर पुरानी नाव मेरी मांझी बन कर थामो अब पतवार मेरी,
डूब न जाये नाव मेरी दरकार तेरी,श्याम मेरे श्याम मेरे,
श्याम मेरे तेरे हु बरोसे मेरा तो किनारा हो तुम,
माना कितने पाप किये है मैंने भी,
मांगू माफ़ी अब्गुन करदो दूर सभी,
शरण पड़ा हु करना दया अब मुझपर भी,
हार ना जाऊ अपने दुःख से मैं तो कभी रोशन के रोशन कहे,
रोशन कहे सुनो मेरे बाबा मेरा तो गुजरा हो तुम,