उचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी सबकी झोली भरे माता रानी,
तुम हो शारदा लक्ष्मी तुम भवानी तेरे दर की है दुनिया दीवानी,
तुमने ही संसार को बनाया,
ये जगत मैया तेरी ही माया ॥
तुम जल थल अम्बर में हो तुम्ही रक्षा करो अम्बे रानी,
उचे पर्वत पे बेठी वैष्णो.......
जब भी देवो पे विपदा है आई,
माँ तुमने ही करी है सहाई ॥
तूने दुर्गा रूप को दर के दुष्टों को मिटाया महारानी,
उचे पर्वत पे बेठी वैष्णो.....
जो भी भक्त तेरे दर पे आते,
मन चाहे मुरादे वो पाते ॥
मैं भी तो हु शरण में तेरी अर्जी सुनलो अब महारानी,
उचे पर्वत पे बेठी वैष्णो....