ओ श्याम ओ श्याम
तू कितना प्यारा तू कितना न्यारा है,
सब का सहारा है ओ श्याम ओ श्याम,
जब से देखि श्याम तेरी सुरतिया,
उड़ गई देखो मेरी रातो की नीन्दियाँ,
तुझ संग प्रीत लगा के देखो थक गई मेरी अखियाँ,
तुझपे वारी मैं तन मन हारी मैं ओ बलिहारी मैं,
ओ श्याम ओ श्याम ...
तेरी बिना श्याम सूजे ना कोई ,
झलके दिखा जा श्याम दूजा ना कोई,
पलके बिषा के बात निहारु पल पल मैं तो रोई,
बन के पुजारन मैं एक दुखारण मैं करती पुरजन मैं,
ओ श्याम ओ श्याम