साल में महिना जब फागुन का आता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता,
ढोलक नगाड़े बजने लगते है,
कोई मुझे रोको कोई मुझे तोको न मैं हु दीवाना,
अरे पग में बांधे गुनगुरु जब बजता हु,
ताने कसता है मुझ पे हस्ता है जालिम जमाना,
रंग श्याम सांवले का ऐसा चड़ा जाता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता,
रंगगिला मौसम जो आये ललचे मन मेरा ,
कैसे नगरिया हम बाबा की जाए,
अखियो में खाटू का नजारा सामने आते ही अजब की मस्ती मेरे मन में छाए,
इतंजार में ही पूरा साल बीत जाता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता,
श्याम सुंदर माल भी लुटते है अपने खजाने से कोई बहाने से बनके तुम्हारे,
तनखा पुरे साल की देते है कुछ भी ना लेते है,
बाँट ते रहते है श्याम हमारे,
इतर इतना महक ता ले जग महक जाता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता