जो खेल गये प्राणो पे श्री राम के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो मेरे हनुमान के लिए
सागर को लांग के इसने सीता का पता लगाया
प्रभु राम नाम का डंका लंका में भजा कर आया,
माता अंजनी की ऐसी संतान के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो...........
लक्षमण को बचाने की जब सारी आशाये टूटी,
ये पवन वेग से जाकर लाये संजीवन बूटी,
पर्वत को उठाने वाले बलवान के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो........
सालासर में भक्तो की ये पूरी करे मुरादे,
मेहंदीपुर ये सोनू दुखियो के दुखारे काटे,
दुनिया से निराले इसके दोनों धाम के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो.....