केवल शीश है खाटू में है ये झूठी बात,
मेरी हर ख़ुशी के पीछे है श्याम तुम्हारा हाथ,
टूटी फूटी कुटिया को तूने सजाया हाथो से,
ख़ुशी का तिनका चुन चुन कर के श्याम लगाया हाथो से,
तेरी हाथो से चलते है घर मेरा आवार,
केवल शीश है खाटू में....
हाथ है तेरा सिर पे बाबा ये एहसास होता है,
सिर पे जब तू ऊँगली फिराए ये विश्वास होता है,
मेरा हाथ पकड़ के बाबा चलता तू मेरी साथ,
केवल शीश है खाटू में.......
हाथ में लेकर मोरछड़ी वो चमत्कार दिखाया है,
लगा के झाड़ा मोरछड़ी का मुर्दे को भी नचाया है,
बाबा तेरे हाथ के जैसा नहीं हाथ कोई है यहाँ,
केवल शीश है खाटू में....
जब भी ठोकर खाया बाबा जब भी लड़खड़ाया मैं,
बनवारी लगा जोर का ढाका फिर भी गिर ना पाया मैं,
तेरे हाथो का सहारा बाबा है मुझको या,
केवल शीश है खाटू में....