जब फागण मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराए,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागण मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराए ॥
रंग रंगीला फागण मेला,
मेरे मन को भाए,
रात या दिन हो हरपल मुझको,
तेरी याद ही आए,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागन मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराए ॥
उनके दरश को हरपल मेरी,
अँखियाँ तरस रही है,
‘शुभम रूपम’ फागण की मस्ती,
हम पर बरस रही है,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागन मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराए ॥
जब फागण मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराए,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागण मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराए ॥