तू श्याम सहारा हारों का

तू श्याम सहारा हारों का
जग में किस्मत के मारो का
तुझे पहचान लिया रे अपना तुझे मान लिया रे
जय श्री श्याम जय जय श्री श्याम जय जय श्री श्याम

श्याम तेरी रेहमत के किस्सों को सुनकर मैं आई
तूने जाने कितनो की किस्मत है चमकाई
खाली नहीं लौटे जिसने भी अर्ज़ी तुझे लगाई
तेरी चौखट पर होती है सबकी ही सुनवाई
तू श्याम सहारा हारों का ..........

जिसका कोई नहीं है साथी उसका तू है सहारा
दौड़ा चला आया जिसने भी दिल से तुझे पुकारा
तेरी लखदातारी का चर्चा करता जग सारा
सारे जग में गूँज रहा तेरे नाम का ही जयकारा
तू श्याम सहारा हारों का ..........

तेरी प्रेम चुनरिया अब तो अमीने सांवरे ोधी
मैंने अपनी प्रीत की डोरी तेरे संग में जोड़ी
तेरे भरोसे भावना ने ये दुनियादारी छोड़ी
अपनी कृपा की बारिश शर्मा पर कर दे थोड़ी
तू श्याम सहारा हारों का ..........
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